Featured stories
Recent Articles

Monday 1 February 2016

Hindi sex stories हॉस्टिल के पियोन ने तोड़ी मेरी सील

Hindi sex stories हॉस्टिल के पियोन ने तोड़ी मेरी सील
Hindi sex stories हॉस्टिल के पियोन ने तोड़ी मेरी सील
मई तब 18 साल की थी, मेरी मम्मी एक टीचर थे और पापा भागलपुर मे पहले से जॉब करते थे, सो मैं पटना मे अकेली रह गयी थी, मैं तब ब्का कर रही थी तो मैने कॉलेज का हॉस्टिल जाय्न कर लिया, हॉस्टिल मे बहुत स्ट्रिक्ट रूल्स थे, मोबाइल फोन भी अलोड नही था, बाहर जाना वीक मे एक बार पासिबल था, मैं तो वाहा न्यू थी, ना किसी को जादा अचकच्चे से जानती थी, ना ही कोई बॉय फ्रेंड था, ढेरे ढेरे मैने देखा की सब हॉस्टिल वाली लड़किया आपनेई ब्फ से काम करवााती है, मिलने जाती है, मेरा भी बहुत मॅन होता था की काज़ मेरा भी कोई ब्फ होता.

पर मैं बिल्कुल अंजान थी उस जहग से, कफफी दिक्कत आती जब कोई काम रहता, हमारे हॉस्टिल का मेस बिल्कुल हॉस्टिल से सटा हुआ ही है, एक दिन मैं क्लासस अटेंड करके मेस की तरफ आ रही थी, गर्मी के दिन थे, मैं पसीना पसीना हो चुकी थी, मेरे कपड़े पसीने से गीले हो चुके थे और गीले कपड़ो की वजह से मेरी चुचियाँ मेरे कापड़ू से सॉफ झलक रही थी, मैने देखा की किचन से कोई मुझे घूर रहा है, मैने भी अंदर झाँक कर देखा तो दिखा की एक न्यू नोकर आया है, वो लगभग 24-25 साल का था, उसका काला सा चेहरा मुझसे ज़्यादा लंबा था,वो मुझे अब भी घूर्र ही रहा था, मैं वाहा से चली गयी, फिर धीरे- धीरे नोटीस किया की वो मुझे हमेशा ही घूराता है, बहुत गुस्सा आता था, पर सच काहु तो पहली बार मुझे कोई घूर रहा था तो इसलिए बहुत अच्छा भी लग रहा था, फिर मुझे एक दिन पॅड्स (स्टायफ्री) की ज़रूरात थी और मेरे पास मेरे बेग मे एक भी नही बचा था, मैं क्या करू, रूमेट भी घर गयी हुई थी, तो सोचा की कू ना उस नोकर को बोलू.

मैने बहुत हिम्मत करके उसको बोला, वो दौड़ कर गया और ला कर मुहे दिया, फिर तो मुझे कुच्छ भी काम होता तो उसको ही कहती, वो एक बार मे कर देता, वो मुझे अच्छा लगने लगा था, वो मेरे आजू-बाजू घूमता रहता, हॉस्टिल मे मेरे लिए अलग से मस्त खाना बनाता, एक दिन कॉलेज मे फंक्षन था, मैने फंक्षन मे डॅन्स किया, और आते-आते इतना तक गयी, की सो गयी, सोकर उठी तो रात के 11बाज रहे थे, मुझे बहुत भूख लगी थी, मैने सोचा की उसको बोलती हूँ, मैं जैसे ही उसके रूम मे जाकर उसको उतने के लिए एंटर हुई तो पाया की वो सिर्फ़ अंदरवेर ही पहन कर सोया हुआ था, उसका अंदरवेर कुच्छ उठा हुआ सात हा, मैं उसे देख कर हैरान थी और मेरे जिस्म मे उसके अंदरवेर के उठे हुए भाग को देख कर गुदगुदी सी होने लगी थी, मेरा भी मॅन कर रहा था की उसके अंदरवेर को टा कर देख ही लू की वो उठी हुई चीज़ है क्या, पर मैने आपने आप पर काबू करते हुए उसको आवाज़ देकर उठाया, वो एटनी रात को मुझे दिखकर हैरान था.

मैने बोला की मुझे भूख लगिया है, सुबह से एक बार ही खाना खाया है, तो वो बोला- मेडम तो सो गयी होगी, आप किचन जाओ मैं आ रहा हूँ, मैं किचन की तरफ गयी, वो आया, उसने रोटी सब्जी बनाई, मैं भी उसकी हेल्प कर रही थी, बीच-बीच मे उसका हाथ मेरी चुचि को टच हो रहा था, मुझे शरम आ रही थी और मैं हल्की-हल्की स्माइल भी कर दी, उसने इसको ग्रीन सिग्नल समझा, 11बजे, फंक्षन की रात, कोई भी जाग नही रहा था हॉस्टिल मे, तो हमे कोई डिस्टर्ब नही करनी वाला था, उसने मुझे ई लव उ कहा, मैं कुच्छ भी नही बोली तो उसने मुझे लीप किस करना स्टार्ट कर दिया, पता नही कबतक उसने मेरे होतो को चूसा! ये मेरा पहला किस था, उसका हाथ कमर के पेचे था और वो आपना हाथ मेरी पीठ पर घूम रहा त्ीी उस्नी मेरी मु मे आपना जीव घुसा दिया, मुझे नीचे उसका लॅंड चुव रहा था मैं बिल्कुल सोची भी नही की हॉस्टिल है और याई नौकर है मैं किस का मज़ा ली,तवी कू6 आहत हुआ हम अलग होगआई मैं खाना लीकर रूम गयी दिखा रूमेट सोई है.

दिल को तसली हुआ खाना खाकर सोगआई,उस दिन की बाद लाइफ चेंज होगआई,वो हॉस्टिल मे बात भी नही कराता ताकि किसी को पता न्स चले वीक मे हम ज़ू जाते थे वो वाहा बहुत मज़ा कराता एक मंत मे मेरी ब्रा मुझे छ्होटी लगने लगे थी,वो ज़ू मे काफ़ी किस कराता बूब्स प्रेस्सिंग भी कराता एक दिन उसने पूछा तुम्हारी बुर कैसे रंग की है मैं एक प्यार वाला थापर दी उस्नी मुझी उठाया और कहा भेर बहुत है आज ज़ू मे मैं भी वही दिखराई थी उस्नी भेर की बेच चलते मेरी गांड दवा दी फिर कवि कवि कमर से धक्का भी डिता मज़ा आ रहा था,हमलोग प्यार मे डूबे थे पर हॉस्टिल मे किसी को नही पता था मेरी रूमेट आपनी ब्फ से च्छुकर फोन पर बार करते तो उस्नी भी मुझे फोन लाकर दिया हम रात को सेक्स चाट भी करनी लगे, अवी तक सेक्स नही होपाया था, होली की च्छुटी आनी वाली थी सब घर जराही थी मैं उदास थी क्यू की मामी की तबीयत खराब थी वो भागलपुर से नही आती तो मैं अकीली होली मानती,फिर हॉस्टिल मे सिर्फ़ मैं थी.

होली की सुबह 12बजे उठी नाहकार टवल मे आ रही थी पता नही वो आगया मैं थोड़ा दर गयी,उस्नी मुझे टाय्लेट मे घुसा कर किस किया, मैं किस कर रही थी उस्नी रूम मे गोदी मे उठकर लीकर चला गया हाथो मे उसकी लाल रंग था उस्नी मेरी टवल फार दी आदर कू6 नही था मैं सर्मा गयी हाथो से क्या चूपता वो निहार रा था बोला आपका जिसम जैसे बुर भी गोरी है, उसने गालो से रंग लगाना शुरु किया चुचि को तो आता की तरह मसाला उस्नी पहले भी मेरी उंगली ज़ू मे पार्क मे सिनिमा हॉल मे की थी पर न्यूड पहली बार दिखा उस्नी मेरी चुत को प्यार से दावाया और रंगा मैं पूरी लाल होगआई थी उस्नी उगली भी करना शुरु कर दिया मैं तराव गयी तवी आहत आई मैं टायिलेट्स मे भागी वो चला गया,ओहिर मैं रात मे टॉप स्कर्ट मे सोई थी गाते मिस्टर दस्तक हुआ खोली तो वो था अंदर की गाते लगाई बोली एटनी रात को क्यू उस्नी मुझे गोदी मे बिठाया हाथ गुस्सकर मेरी चुचि दवाई कानो को किस भी किया बोला आज होलू पूरा नस हुआअ था कहकी मेरी टॉप फार दी ब्रा भी फार दी मैं अचंक एआकिकेआ रीडी नही थी.

उस्नी पूरा न्यूड किया मैं भी उसपर चदगाई उसको न्यूड करदी,उसका लॅंड कफफी बार मु मे लीथि सिनिमा हॉल मे, हमने किस किया आज तो मेरी चुचि की जान चली गयी थी उस्नी मेरी बुर छाती पहली बार थी मेरी निकल गयी उस्नी आवना मोटा लॅंड सतकर रगारा जोर्का घाकका दिया मुजगे लगा कोइ गरम रोड गुस्सा दिया छिलाई पर कोन सुनता उस्नी कोई रहम नही दिखाई और मुझे चूड़ दिया, वो मेरा पहला सेक्स था जो की मैं आज भी नही भूली हूँ, तो दोस्तो कैसी लगी मेरी ये स्टोरी?

Hindi Sex Stories - Free Indian Sex Stories in Hindi Fonts !!!

No comments:

Post a Comment

We will keep You Updated...
Sign up to receive new stories
as well as receive other site updates!
Subscribe via RSS Feed subscribe to feeds
Sponsors
Stories by savtitabhabhi.blogspot.insavtitabhabhi.blogspot.inspicytricks.com
Sexy stories By www.savtitabhabhi.blogspot.inspicytricks.comSpicytricks.com
Popular Posts
Recent Stories
Connect with Facebook
Sponsors
Search
Archives
Categories
Blog Archives
Recent Comments
Tag Cloud