Featured stories
Recent Articles

Thursday 17 March 2016

जोरू का गुलाम



जोरू का गुलाम कहानी जब अंग्रेजी में पोस्ट हुयी थी तब से बहुत से लोगों की गुजारिश थी , इस कहानी को हिंदी में पोस्ट करने की ,


लेकिन यह लिप्यांतरण नहीं है।


यह मात्र अनुवाद भी नहीं है।

यह उस का परविर्धित संशोधित संस्करण है , जिसमें मिर्च मसाला शायद थोड़ा ज्यादा ही होगा।

कुछ बातें घटनाएं जो पहले नहीं थी वो भी ,


यह कहानी मेरी लिखी अन्य कहानियों से कई मामलों में अलग है , लाइट फेमडाम ,हलका सा सिसफिकेशन का टच ,

लेकिन साथ साथ हर बार की तरह एक फेमनिनिन पर्सपेक्टिव ,


तो बस आप की राय अगर होगी,


आप का साथ होगा

तो बस जल्द ही पहली पोस्ट 


कुछ अंश



मस्ती से मेरी भी आँखे बंद हो रही थी लेकिन , .... मैंने पिछवाड़े घुसी ऊँगली को हलके से गोल गोल घुमाना शुरू किया और एक बार फिर जोर से अपनी चूत भींची।

ओह्ह ओह्ह बहुत तेज आवाज निकाली उन्होंने और एक बार फिर वही मलाई की धार ,

जैसे कोई बाँध टूट गया हो , बाढ़ आ गयी हो ,

तेज तूफान चल रहा रहा हो ,

और उसमे उनके इतने दिन के रोक के रखे गए मन पर पत्थर , यह नहीं करो वह नहीं बोलो , सब बह गए।

मस्ती के सागर में वो उतरा रहे थे ,गोते खा रहे थे।

मेरी ऊँगली धंसी हुयी जोर से मैं पुश कर रही थी ठेल रही थी , गोल गोल घुमा रही थी।

" अभी तो शुरुआत है , रजा , तेरे मायके में चल तेरी गांड मारूंगी " और इस के साथ ही मेरी पूरी ऊँगली अंदर और सीधे , प्रेशर प्वाइंट पे।

और एक बार फिर ,.... बार बार


मैंने अपने माथे से बड़ी सी लाल बिंदी निकाल के उनके गोरे गोरे माथे पे लगा दिया , मेरी का निशान।

" बन गए न अब जोरू के गुलाम , बोल "















______________________________
जोरू का गुलाम , होली के रंग , न भूली वो होली

No comments:

Post a Comment

We will keep You Updated...
Sign up to receive new stories
as well as receive other site updates!
Subscribe via RSS Feed subscribe to feeds
Sponsors
Stories by savtitabhabhi.blogspot.insavtitabhabhi.blogspot.inspicytricks.com
Sexy stories By www.savtitabhabhi.blogspot.inspicytricks.comSpicytricks.com
Popular Posts
Recent Stories
Connect with Facebook
Sponsors
Search
Archives
Categories
Blog Archives
Recent Comments
Tag Cloud